Til ke fayde : भारत में तिल का प्रयोग पूजा पाठ और विभिन्न त्योहारों में किया जाता है भारतीय संस्कृति में तिल का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है तिल का प्रयोग ज्यादातर सर्दी के मौसम में किया जाता है मकर संक्रांति पर तिल का खास महत्व होता है इस त्यौहार पर तिल के लड्डू और भी कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं।
तिल का प्रयोग पूजा पाठ में हवन अग्यारी और दीपक जलाने में किया जाता है। तिल के तेल का प्रयोग शरीर पर मालिश के लिए किया जाता है। तिल का दाना छोटा सा है पर बहुत कमाल का है। तिल का प्रयोग धार्मिक अनुष्ठान में तो होता ही है साथ ही मांगलिक कार्यों में भी उपयोग किया जाता है।
सर्दियों में आप सभी ने तिल के लड्डू तो खाए होंगे। तिल सर्दियों का सुपर फूड है। तिल की बनी हुई चीजें खाने में तो अच्छी लगती है सेहत के लिए भी उतनी ही फायदेमंद है तिल में विटामिन ओमेगा 6 प्रोटीन जैसी न्यूट्रिएंट्स होते हैं तिल में मैग्नीशियम, फास्फोरस, मिनरल्स आदि विटामिन और मिनरल्स हैं।
तिल की तासीर गर्म होती है इसे सर्दियों में खाने से शरीर में गर्माहट रहती है और इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं। तिल में ओमेगा फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाई जाती है यह मेंटल हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद है और इससे आर्थराइटिस की समस्या में राहत मिलती है।
तिल (100 ग्राम) की न्यूट्रिशनल वैल्यू
- कार्बोहाइड्रेट 23 g
- कैलोरी 573 kcal
- फैट 50 g
- प्रोटीन 18
- डाइटरी फाइबर 12 g
तिल (100 ग्राम) में मिनरल्स और विटामिन्स
- तिल में मैग्नीशियम ,आयरन, पोटेशियम जैसे मिनरल्स होते हैं।
- पोटेशियम रोजाना जरूरत का 13%
- मैग्नीशियम रोजाना जरूरत का 87%
- विटामिन B6 रोजाना जरूरत का 40%
- आयरन रोजाना जरूरत का 81%
तिल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है (Til ke fayde )
तिल में मौजूद मैग्नीशियम की वजह से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसमें कैल्शियम होने की वजह से हड्डियां मजबूत रहती हैं। एनीमिया के जोखिम से भी बचाव होता है। सर्दियों में तिल खाने के कई फायदे हैं।
- ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
- थायराइड के लिए भी फायदेमंद है।
- आर्थराइटिस के दर्द से भी बचाव होता है।
- डाइजेस्टिव सिस्टम भी सही रहता है।
- एनीमिया का जोखिम भी कम रहता है।
- हड्डियां मजबूत होती हैं।
- इंफ्लेमेशन कम रहता है।
- मीनोपॉज के दौरान हार्मोन बैलेंस में रहता है।
- हार्ट से संबंधित बीमारी से बचाव होता है।
- इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है
- बालों की जड़ों को मजबूत करता है।
ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं जिनसे कई बीमारियों से राहत मिलती है। तिल का प्रयोग करने से जोड़ों में दर्द और सूजन में राहत मिलती है। आजकल के खानपान की वजह से पाचन और कब्ज की समस्या बढ़ती जा रही है
तिल पाचन क्रिया को अच्छा रखता है और इसके प्रयोग से कब्ज और अपच जैसी समस्या भी दूर होती है। तिल का प्रयोग हम किसी भी तरह कर सकते हैं जैसे तिल के लड्डू, तिल की चटनी ,तिल की चिक्की , तिल की गजक आदि।
तिल खाने का समय और तरीका
तिल दिन में कभी भी खा सकते हैं हां अगर अलग-अलग समय पर खाएं तो इसके अलग-अलग फायदे हो सकते हैं सुबह के समय तिल का प्रयोग करने से आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व आसानी से मिल जाते हैं और अगर सोने से पहले खाएं तो नींद भी अच्छी आती है
रात के भोजन के साथ तिल खाएं तो पाचन क्रिया भी सही रहती है। तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर भी खा सकते हैं तिल के साथ – साथ तिल का तेल भी बहुत फायदेमंद है।
तिल खाने से हेयर फॉल को रोक सकते हैं।
तिल में ओमेगा 6 ,ओमेगा 3 और ओमेगा 9 फैटी एसिड ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है इससे बालों की जड़ों को ऑक्सीजन मिलती है और पोषक तत्व भी। इससे बालों की स्काल्प स्वस्थ रहती है और हेयर फॉल भी कम होता है।
तिल खाने से किस को नुकसान हो सकता है।
जिन भी लोगों को तिल से एलर्जी है उन्हें उल्टी हो सकती है और सांस लेने में भी समस्या हो सकती है। कब्ज भी हो सकता है दिल में साइको एक्टिव कंपाउंड THC होता है।
तिल किसे नहीं खाना चाहिए?
तिल का प्रयोग इन लोगों को नहीं करना चाहिए
- जिन लोगों की स्किन बहुत सेंसिटिव है।
- जिनको तिल से एलर्जी की समस्या है।
- जिसको लो बीपी या लो ब्लड शुगर की समस्या है।
NOTE : तिल के फायदे तो अनेक है लेकिन अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है तो घरेलू नुस्खे ना करें डॉक्टर से जाकर परामर्श जरूर करें यह केवल सामान्य जानकारी है।