महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का बिगुल बस कुछ ही दिनों में बज जाएगा लेकिन उससे पहले NCP अध्यक्ष अजीत पवार ने एक बड़ा दावा किया है अजीत पवार ने दावा किया है कि वो अपने हिस्से में जितनी भी सीटें आएंगी उसका 10 फ़ीसदी हिस्सा अल्पसंख्यकों को देंगे इस बयान के आने के बाद सियासी हल्के में गर्मागर्मी शुरू हो गई है साथ ही अजीत पवार पर बयानों की बौछारें होने लगी
असल में अजीत पवार ने कहा कि इस बार के चुनावों में हमारे 3 निशान हैं इसमें एक कमल, धनुष वाण और घड़ी होगा ,अभी हमारे गठबंधन महायुति में सीट बँटवारा नहीं हुआ है लेकिन वो जल्दी हो जाएगा और ज़रूर होगा और हमारे जहाँ पर भी विधायक हैं हम वहाँ पर लड़ेंगे आप लोग चिंता ना करें जिन लोगों ने कई सालों तक पार्टी की सेवा की है, पार्टी का काम किया है उन्हें विश्वास में लिया जाएगा, युवाओं को हम विश्वास में जरुर लेंगे और अल्पसंख्यक समाज को मैं बताना चाहता हूँ कि राज्य में जितनी भी सीट हमें लड़ने के लिए मिलेंगी उसमें 10 फ़ीसदी सीटों पर टिकट अल्पसंख्यक समाज को देंगे क्योंकि मैं सभी जाति धर्मों को मानने वाला हूँ और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान के अनुसार सब लोग समान हैं.
इस बयान के आने के बाद मानकर चला जा रहा है कि अजीत पवार को जितनी सीटें मिलेंगी उसमें से 10 फ़ीसदी सीटों पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उतारेंगे लेकिन इस बयान के आने के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बयान आने लगे कांग्रेस की तरफ़ से मोर्चा संभालते हैं प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले उन्होंने कहा कि यह वोटों का राजनीतिकरण है लेकिन देवेंद्र फडणवीस तो वोट जिहाद की बात करते हैं, ये लोग जो जुमलेबाज़ हैं और ओछी राजनीति करना ही इनको आता है
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी बोले कि अजीत पवार भूल गए हैं कि वो आजकल किसके साथ है, उनका साथी कौन है ये सभी को मालूम है और सेक्यूलर लोग अजीत पवार के साथ नहीं खड़े होंगे
बता दें कि महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं सभी पार्टियां रणनीति बनाने के लिए जुट चुकी है CM शिंदे, डिप्टी CM अजित पवार लगातार राज्य के दौरे पर हैं वहीं डिप्टी CM फडणवीस पार्टी के साथ स्ट्रैटेजी बनाने में जुटे हुए हैं वहीं विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी की सीट शेयरिंग की बैठकें लगातार चल रही है और दम भरा जा रहा है कि इस बार राज्य में महाविकास की ही सरकार मुंबई में शपथ लेगी तो देखना होगा इस बार का महाराष्ट्र चुनाव कौन जीतता है और किसका पलड़ा भारी होता है