Brain Health : दिमाग हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जिनका ख्याल हम नहीं रखते जिसकी जरूरत को हम ध्यान नहीं रखते। दिमाग (Brain) शरीर का वह हिस्सा है जो कभी नहीं सोता ना ही आराम करता, बल्कि दिमाग सारे काम करता है, हम कभी यह नहीं सोचते कि हमारे दिमाग को भी बेहतर एक्सरसाइज और आराम की भी आवश्यकता पड़ती है।
जिससे वह बेहतर काम कर पाए जैसे शरीर के सारे अंगों को एक्सरसाइज की और आराम की जरूरत पड़ती है । ब्रेन (Brain) काफी थकने के बाद भी हम सबके लिए काम करता है दिमाग को भी आराम करने की जरूरत होती है और एक्सरसाइज करने की भी जरूरत होती है हमें ब्रेन (Brain) का ख्याल रखना चाहिए अगर हम ऐसा नहीं करते हैं
तो हमारी कार्य प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है जैसे हम अपने शरीर का और शरीर के सारे अंगों का ध्यान रखते हैं इस तरह हमें ब्रेन (Brain) का भी खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। मस्तिष्क हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है, खोपड़ी में स्थित मस्तिष्क में सेरिब्रम, सेरिबैलम और ब्रेन स्टेम शामिल हैं ,और प्रत्येक भाग का विशेष कार्य होता है।
मानव मस्तिष्क के 75% पानी से बना है ,और शरीर को हाइड्रेट रखने से उचित मस्तिष्क कार्य में करने मदद मिलेगी इसमें एक सौ अरब न्यूरॉन्स होते हैं।
ब्रेन फॉग क्या है
अगर सोचने समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है तो ब्रेन फॉग की समस्या हो सकती है ,यह एक टर्म होती है और ये टर्म ऐसे लोगों को होती है जो हमेशा दुविधा में रहते हैं उनके सोचने समझने की क्षमता इतनी नहीं होती है कि वह कुछ निर्णय ले सकें और किसी भी समस्या पर विचार करने में कठिनाई महसूस होती है
और इसी स्थिति के कारण अपनी स्थिति को शब्दों में बयां ना कर पाने की समस्या भी महसूस होती है ब्रेन फॉग (Brain Fog) कोई मानसिक थकान या बीमारी नहीं बल्कि यह सोचने समझने की क्षमता का ना होना इस समस्या में मनुष्य काम पर ध्यान नहीं दे पाता है इसी को ब्रेन फॉग कहते हैं
इसकी स्थिति में दिमाग पर थकान, सुस्ती महसूस होती है पर इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।
ब्रेन फॉग (Brain Fog) की वजह / कारण
ब्रेन फॉग के निम्न कारण है जिसमें
- कुछ बीमारियां और दवाइयां मस्तिष्क/ मानसिक स्थिति पर प्रभाव डाल सकती हैं।
- खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से शरीर में ऊर्जा की कमी होती है जिससे ब्रेन फॉग की समस्या हो सकती है।
- उम्र का बढ़ना और हार्मोनल संतुलन की वजह से ब्रेन फॉग हो सकता है।
- नींद में कमी होना और नींद पूरी ना होने की वजह से मस्तिष्क को आराम नहीं मिल पाता है जिससे फोकस कम होता है जिस वजह से यह समस्या हो सकती है।
- कई बार मस्तिष्क पर ज्यादा स्ट्रेस और एंजाइटी के कारण ब्रेन थकता है।
याददाश्त को बेहतर बनाएं
- मेमोरी को बेहतर बनाने में सबसे पहले पर्याप्त नींद और अच्छा खानपान शामिल है और इसके साथ ही हमें शुगर का प्रयोग करने से बचना चाहिए शुगर के प्रयोग करने से दिमाग की स्थिति धीरे कम करने लगती है मेमोरी को बेहतर बनाने के लिए कई एक्टिविटीज को फॉलो कर सकते हैं
- हम किसी नई स्किल को सीख सकते हैं जिस वजह से ब्रेन एक्टिव रहता है।
- कोई भी नई भाषा सीखना जिससे ब्रेन को नई चुनौती मिलती है और वह तेज होता है ।
- संगीत सुनने से भी याददाश्त मजबूत होती है संगीत ब्रेन की हिप्पोकेंपस को सक्रिय करता है।
- लूडो खेलने से रणनीतिक सोच और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
- नई-नई किताबें पढ़ना किताबें पढ़ने से ब्रेन एक्टिव रहता है और शार्प भी जिससे मेमोरी भी बढ़ती है।
- पहेलियां सुलझाने से और उन्हें हल करने से भी क्षमता बढ़ती है।
- सुडोकू पहेली हल करने से ब्रेन को ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और तार्किक सोच भी बढ़ती है।
- ब्रीदिंग और मेडिटेशन एक्सरसाइज से भी ब्रेन एक्टिव रहता है।
मेमोरी को तेज करने में कई वजह शामिल है सुडोकू एक दिमागी कसरत है जो तर्क शक्ति को बढ़ाती है सुडोकू हल करने से ब्रेन एक्टिव रहता है।आजकल नई भाषा सीखना काफी ट्रेंड में है इंटरनेट और स्मार्टफोन की मदद से किसी भी नई भाषा को सिख और समझ सकते हैं
नेशनल लाइब्रेरी आफ मेडिसिन के एक शोध के मुताबिक दो भाषाओं का ज्ञान रखने वाले व्यक्ति भूल की बीमारी की समस्या की संभावना कम रहती है और माइंडफूलनेस और मेडिटेशन से दिमाग को भी कई सारे फायदे होते हैं ध्यान करने से मानसिक जो तनाव होता है वह कम रहता है
जर्नल ऑफ़ स्टूडेंट रिसर्च में पाया गया है की कोई भी वीडियो देखते समय टाइपिंग के जरिए नोट्स बनाने पर दिमाग अधिक एक्टिव होता है और चीजें याद रखने में आसानी रहती है।