कितना फल खाना है सेहत के लिए सही? ज्यादा फल खाने के छिपे हुए नुकसान
अक्सर हमें कहा जाता है कि फल हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और ऐंटिऑक्सीडेंट से भरपूर फल दिल, पाचन और इम्यूनिटी के लिए अच्छे माने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप फल ज़रूरत से ज्यादा खा लेते हैं, तो वही फल आपकी सेहत को नुकसान भी पहुँचा सकते हैं?
ज्यादा फल खाने से हो सकते हैं ये नुकसान
1. फैटी लिवर का खतरा
फलों में मौजूद प्राकृतिक शुगर फ्रुक्टोज़ होती है। थोड़ी मात्रा में यह नुकसान नहीं करती, लेकिन जब रोज़ बहुत ज़्यादा फल खाए जाते हैं, तो यह लिवर पर दबाव डालती है और फैटी लिवर जैसी समस्या पैदा हो सकती है।
2. शुगर और डायबिटीज़ का रिस्क
बहुत ज़्यादा फल खाने से बार-बार ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। जिन लोगों को डायबिटीज़ या इंसुलिन रेज़िस्टेंस है, उन्हें खास ध्यान रखना चाहिए।
3. दिल की सेहत पर असर
एक इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि ज्यादा फल खाने से कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ यानी दिल की नलियों में रुकावट का खतरा भी बढ़ सकता है।
कितना फल खाना सही है?
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आमतौर पर रोज़ाना 2 से 3 सर्विंग फल काफी होते हैं।
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एक सर्विंग का मतलब है – एक छोटा फल (जैसे सेब/अमरूद) या एक कप कटे हुए फल।
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अगर आप हर मील में फल खा रहे हैं (नाश्ता, लंच, डिनर), तो यह ओवरडोज़ हो सकता है।
फल खाने का सही तरीका
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सीज़नल फल चुनें – मौसमी फल ज़्यादा ताज़ा और नेचुरल होते हैं।
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जूस या ड्राई फ्रूट से बचें – इनमें फाइबर कम और शुगर ज्यादा होती है।
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भूखे पेट फल खाएं – सुबह खाली पेट सेब, अमरूद, बेरी, तरबूज़ जैसे फल पचने में आसान और एनर्जी देने वाले होते हैं।
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प्रोटीन के साथ खाएं – दही, नट्स या सलाद के साथ खाने से शुगर लेवल बैलेंस रहता है।
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डायबिटिक लोग सावधान रहें – केले, अंगूर, आम और लीची खाली पेट न खाएं।
एक्सपर्ट्स की राय
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ज्यादा फल खाने से सेहत सुधरने के बजाय बिगड़ भी सकती है।
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वैरायटी और मॉडरेशन यानी संतुलन ज़रूरी है।
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अगर ब्लड शुगर, लिवर एंज़ाइम या कोलेस्ट्रॉल रिपोर्ट खराब आ रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें और फलों की मात्रा घटाएँ।
याद रखने वाली बात
फल दुश्मन नहीं हैं, लेकिन इनका ओवरडोज़ आपकी सेहत को खतरे में डाल सकता है। जैसे हर चीज़ में संतुलन ज़रूरी है, वैसे ही फलों को भी बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बनाकर खाएँ।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी नई डाइट या स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से ज़रूर सलाह लें।