क्या पिंक रॉक सॉल्ट वाकई हेल्दी है? डॉक्टरों ने बताई वो सच्चाई, जो सोशल मीडिया नहीं बताता
पिछले कुछ सालों में पिंक रॉक सॉल्ट यानी हिमालयन पिंक सॉल्ट का ट्रेंड खूब बढ़ा है। इसके गुलाबी रंग और “नेचुरल”, “हेल्दी”, “प्योर” जैसे टैग इसे और ज्यादा पॉपुलर बनाते हैं। सोशल मीडिया पर तो इसे सुपरफूड जैसा बताया जाता है – कोई इसे डिटॉक्स का रामबाण मानता है, तो कोई कहता है कि इसमें वो मिनरल्स हैं जो शरीर को अंदर से ठीक कर देते हैं।
लेकिन क्या सच में पिंक नमक इतना चमत्कारी है? डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स की मानें तो इसका सच उतना ग्लैमरस नहीं है, जितना इंस्टाग्राम दिखाता है।
क्या पिंक नमक में वाकई ज्यादा मिनरल्स होते हैं?
हाँ, इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स होते हैं, लेकिन बेहद कम मात्रा में।
डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर आप सिर्फ इन मिनरल्स की वजह से पिंक नमक खा रहे हैं, तो आपको रोज इतना ज्यादा नमक खाना पड़ेगा कि आपकी सेहत बिगड़ जाएगी।
आख़िरकार, पिंक और सफेद नमक दोनों की मुख्य सामग्री एक ही है – सोडियम क्लोराइड।
सबसे बड़ा खतरा—आयोडीन की कमी
जहां टेबल सॉल्ट में आयोडीन मिलाया जाता है, वहीं पिंक नमक में यह जरूरी पोषक तत्व नहीं होता।
नियमित रूप से पिंक नमक खाने से आयोडीन की कमी हो सकती है, जिससे
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थायराइड समस्याएं
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गॉयटर
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बच्चों में विकास संबंधी दिक्कतें
जैसी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
डॉक्टर साफ कहते हैं, “हेल्दी बनना है तो नमक बदलने से कुछ नहीं होगा, मात्रा कम करना ही जरूरी है।”
असल समस्या नमक का प्रकार नहीं, मात्रा है
भारत में हाई BP, हार्ट डिजीज, किडनी की बीमारी तेजी से बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा कारण है – ज्यादा सोडियम का सेवन।
हम दिनभर में पता भी नहीं लगाते और जरूरत से ज्यादा नमक खा लेते हैं:
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पैकेज्ड स्नैक्स
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रेस्टोरेंट फूड
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चिप्स
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पापड़
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अचार
डॉक्टरों के अनुसार, रोज के नमक की मात्रा 5 ग्राम (1 चम्मच) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
तो क्या पिंक नमक अच्छा है?
सीधी बात — यह न सुपरफूड है, न जादू।
अगर पसंद है, स्वाद के लिए खाइए… पर आयोडीन वाला नमक ज़रूर शामिल रखें।
असली हेल्थ टिप है — नमक कम करें, डाइट बेहतर करें।








