हर साल 10 सितंबर को World Suicide Prevention Day मनाया जाता है। आज के समय में आत्महत्या की सबसे बड़ी वजहों में से एक है डिप्रेशन। यह सिर्फ बड़ों को ही नहीं, बल्कि टीनएजर्स को भी तेजी से प्रभावित कर रहा है। दिक्कत यह है कि किशोरों में डिप्रेशन पहचानना आसान नहीं होता, क्योंकि उनके मूड और व्यवहार में वैसे भी बहुत उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।
लेकिन कुछ संकेत और लक्षण ऐसे हैं, जिन्हें अगर समय पर नोटिस कर लिया जाए, तो बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है।
टीनएजर्स में डिप्रेशन के मुख्य लक्षण
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लगातार उदासी और निराशा – बिना वजह रोना, हर बात पर नेगेटिव सोचना और भविष्य को लेकर डर या हताशा महसूस करना।
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चिड़चिड़ापन और गुस्सा – छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाना, गुस्से में चीजें फेंकना या हर समय चिड़चिड़ा रहना।
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आत्मविश्वास की कमी – खुद को बेकार समझना, छोटी असफलताओं पर खुद को दोष देना।
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रुचियों का खत्म होना – पढ़ाई, खेल या दोस्तों के साथ वक्त बिताने में अचानक दिलचस्पी न रहना।
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सामाजिक दूरी – अकेले कमरे में रहना, दोस्तों-परिवार से दूरी बनाना।
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नींद और भूख में बदलाव – बहुत ज्यादा सोना या बिल्कुल नींद न आना, भूख कम या ज़रूरत से ज्यादा लगना।
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नशे की आदतें – स्ट्रेस से भागने के लिए सिगरेट, शराब या ड्रग्स का सहारा लेना।
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आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुँचाने के विचार – सबसे खतरनाक संकेत, जिसे तुरंत गंभीरता से लेना चाहिए।
ध्यान रखें
डिप्रेशन सिर्फ “मूड खराब” होने की स्थिति नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है। अगर आपके आसपास कोई टीनएजर इन लक्षणों से गुजर रहा है, तो उससे बात करें और जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल हेल्प लें।