CSJMU becomes the center of educational innovation : कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) ने आगामी शैक्षणिक सत्र से अपने स्वास्थ्य विज्ञान विभाग का महत्वपूर्ण विस्तार करने की घोषणा की है।
इस पहल में विश्वविद्यालय ने न केवल नए स्वास्थ्य विज्ञान पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विशेष सीटें भी आरक्षित की हैं और रचनात्मक क्षेत्रों में भी कदम बढ़ाए हैं।
स्वास्थ्य विज्ञान में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत
विश्वविद्यालय ने हेल्थ साइंस विभाग को मजबूत करने के लिए चार नए विशेष पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें दो चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम शामिल हैं – बैचलर इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी और बैचलर इन डायलिसिस थेरेपी टेक्नोलॉजी, जिनमें प्रत्येक में 40 छात्रों के लिए सीटें उपलब्ध होंगी।
इसके अलावा, दो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू किए जा रहे हैं – मास्टर इन मेडिकल रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग टेक्निक्स और मास्टर इन ऑप्टोमेट्री, जिनमें प्रत्येक में 30 सीटें उपलब्ध होंगी। ये नए पाठ्यक्रम विभाग के मौजूदा बुनियादी ढांचे का अधिकतम उपयोग करते हुए छात्रों को मेडिकल क्षेत्र में नई तकनीकी शिक्षा देने के उद्देश्य से शुरू किए गए हैं।
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विदेशी छात्रों के लिए अतिरिक्त 10% सीटें
विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए नए सत्र से 10 प्रतिशत सुपरन्यूमेररी (अतिरिक्त) सीटें विदेशी छात्रों के लिए आरक्षित की हैं। कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के अनुसार, ये अतिरिक्त सीटें नियमित प्रवेश के अतिरिक्त होंगी और यदि ये सीटें नहीं भरी गईं तो स्वतः समाप्त हो जाएंगी।
यह पहल विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की रणनीति का हिस्सा है। पहले रूस से आए छात्रों ने ही विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था, लेकिन अब विश्वविद्यालय ने कई देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे विदेशी छात्रों का प्रवेश आसान होगा।
3 दिवसीय फिल्ममेकिंग वर्कशॉप का आयोजन
विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने रंगशिला प्रोडक्शन, मुंबई के साथ मिलकर तीन दिवसीय फिल्ममेकिंग वर्कशॉप का आयोजन किया है। यह पहली बार है जब विश्वविद्यालय में इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है।
इस वर्कशॉप में छात्रों को फिल्म निर्माण की सभी बारीकियों से परिचित कराया जाएगा, जैसे स्क्रिप्ट लेखन, निर्देशन और संपादन। वर्कशॉप में भाग लेने वाले छात्रों को 24 घंटे के भीतर एक शॉर्ट फिल्म बनाने का टास्क दिया जाएगा, जिसके बाद सर्वश्रेष्ठ फिल्म के निर्माता को पुरस्कृत किया जाएगा।
कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने बताया कि आज के समय में कहानी कहने की कला सिर्फ साहित्य तक सीमित नहीं है, बल्कि कैमरे, स्क्रीन और एडिटिंग के माध्यम से भी जीवंत होती है। उन्होंने कहा कि इस वर्कशॉप के माध्यम से छात्र न केवल तकनीकी ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि टीमवर्क और व्यावहारिक अनुभव भी हासिल करेंगे।
नए शैक्षणिक सत्र में 32 नए पाठ्यक्रम
विश्वविद्यालय ने इस नए शैक्षणिक सत्र में कुल 32 नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है। इसके साथ ही, इंटरमीडिएट में 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र भी बी.टेक में प्रवेश ले सकेंगे।
विश्वविद्यालय सिर्फ पांच पाठ्यक्रमों – एलएलएम, एमएड, एमसीए, बी.फार्मा और डी.फार्मा में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देगा, जबकि अन्य सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश सीधे मेरिट के आधार पर होगा।