क्या हर सर्दी-ज़ुकाम में एंटीबायोटिक ज़रूरी है? सच जान लीजिए वरना नुकसान आपका ही होगा
हम में से ज़्यादातर लोग जैसे ही छींकें बढ़ती हैं, गला ख़राब होता है या हल्का बुखार आता है — तुरंत एंटीबायोटिक लेने की सोचते हैं। ऐसा लगता है कि एक गोली खाकर बीमारी जल्दी भाग जाएगी। लेकिन यही सबसे बड़ी ग़लतफ़हमी है। आम सर्दी-ज़ुकाम में एंटीबायोटिक न सिर्फ बेकार है, बल्कि आपके शरीर के लिए नुकसानदायक भी बन सकती है।
सर्दी-ज़ुकाम होता क्यों है?
ज्यादातर मामलों में आम सर्दी-ज़ुकाम वायरस की वजह से होता है। वायरस पर एंटीबायोटिक का कोई असर नहीं होता। एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरिया को मार सकती हैं। इसलिए चाहे आप कितनी भी महंगी दवा खा लें, वायरल कोल्ड का समय वही रहेगा — आमतौर पर 5–7 दिन में आराम और 10–14 दिनों में पूरी रिकवरी।
फिर लोग एंटीबायोटिक क्यों खा लेते हैं?
क्योंकि हमें ऐसा लगता है कि “कुछ तो दवा ले लो, जल्दी ठीक होंगे”। कई बार लोग डॉक्टर से भी उम्मीद करते हैं कि वो एंटीबायोटिक लिख दें। लेकिन हर दवा हर बीमारी में काम नहीं करती — और यही बात समझना सबसे ज़रूरी है।
एंटीबायोटिक का असली खतरा — जिसे हम नजरअंदाज करते हैं
बिना ज़रूरत एंटीबायोटिक लेने से:
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शरीर के अच्छे बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं
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पेट खराब, उलटी, चक्कर, एलर्जी जैसे साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं
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सबसे बड़ा खतरा: एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंस
इसका मतलब यह कि बैक्टीरिया दवाइयों के खिलाफ लड़ना सीख लेते हैं। फिर जब सच में कोई गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है, तो दवाएं असर ही नहीं करतीं। दुनिया भर में लाखों लोग इसी वजह से खतरे में पड़ते हैं।
आम सर्दी-ज़ुकाम में असल इलाज क्या है?
आपका शरीर खुद ही वायरस से लड़ता है। आप बस उसे मदद दीजिए:
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आराम
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गर्म पानी और खूब हाइड्रेशन
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भाप लेना
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गले के लिए गर्म सूप या काढ़ा
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बुखार या दर्द में सामान्य OTC दवाएँ
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नाक बंद होने पर सलाइन स्प्रे
बस इतना ही काफी है। ज्यादातर लोग कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाते हैं।
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
अगर…
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बुखार 3–4 दिन से ज़्यादा बना रहे
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लक्षण ठीक होते-होते अचानक बिगड़ जाएँ
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तेज़ सिरदर्द, कान बहना या बहुत तेज़ साइनस दर्द शुरू हो
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सांस लेने में दिक्कत हो
तो यह वायरल नहीं बल्कि बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत हो सकता है।








