आयुर्वेद में नीम को सिर्फ एक कड़वी पत्ती नहीं, बल्कि शरीर को अंदर से साफ करने वाली औषधि माना गया है। नीम को “रक्तशोधक” कहा जाता है, यानी ऐसा तत्व जो खून को साफ करता है और शरीर से गंदगी बाहर निकालने में मदद करता है।
आज की तेज़ जिंदगी में हमारा शरीर लगातार प्रदूषण, गलत खान-पान, तनाव और केमिकल्स के संपर्क में रहता है। इसका असर सीधे हमारे खून, त्वचा और इम्युनिटी पर पड़ता है। ऐसे में नीम एक प्राकृतिक सहारा बनकर सामने आता है।
नीम शरीर को कैसे डिटॉक्स करता है?
नीम में मौजूद कड़वे तत्व शरीर की प्राकृतिक डिटॉक्स प्रक्रिया को तेज करते हैं। ये लिवर और रक्त को साफ करने में मदद करते हैं, जिससे शरीर में जमा विषैले तत्व धीरे-धीरे बाहर निकलते हैं। जब खून साफ होता है, तो शरीर हल्का महसूस करता है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाती है।
इम्युनिटी को कैसे मजबूत करता है नीम?
नीम में पाए जाने वाले प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण शरीर को अंदर से सुरक्षित रखते हैं। ये हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ने से रोकते हैं, जिससे इम्युन सिस्टम मजबूत बनता है और संक्रमण का खतरा घटता है।
त्वचा के लिए क्यों है नीम फायदेमंद?
आयुर्वेद मानता है कि कई त्वचा समस्याएं गंदे खून की वजह से होती हैं। मुंहासे, खुजली, एक्जिमा या बार-बार होने वाले फंगल इंफेक्शन में नीम अंदर से काम करता है। जब शरीर साफ होता है, तो त्वचा अपने आप शांत, साफ और हेल्दी दिखने लगती है।
क्यों कहा जाता है नीम को “मास्टर प्यूरिफायर”?
नीम सिर्फ ऊपर से असर नहीं करता, बल्कि शरीर की जड़ तक जाकर काम करता है। यही वजह है कि आयुर्वेद में इसे सदियों से खून साफ करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और त्वचा सुधारने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
अगर आप नेचुरल तरीके से शरीर को अंदर से हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो नीम एक सादा लेकिन असरदार विकल्प है।








