टूटी हुई नींद क्यों बन सकती है दिल की सबसे बड़ी दुश्मन?
कई बार हम सोचते हैं कि अगर नींद पूरी घंटे की हो जाए, तो सब ठीक है — लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार नींद का टूटना (Broken Sleep) दिल के लिए पूरी नींद न लेने से भी ज्यादा हानिकारक हो सकता है?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, रात में बार-बार जागना हमारे शरीर की “रिपेयर प्रोसेस” को बिगाड़ देता है। इससे तनाव हार्मोन (जैसे Cortisol और Adrenaline) बढ़ जाते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट लगातार ऊँचे बने रहते हैं। लंबे समय में यह स्थिति हाइपरटेंशन, स्ट्रोक और हार्ट डिजीज जैसी गंभीर समस्याओं की जड़ बन सकती है।
मुंबई के H. N. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ. बिपींचंद्र भामरे के मुताबिक, अगर नींद बीच-बीच में टूटती रहे, तो शरीर गहरी और आरामदायक नींद के चरण में नहीं पहुँच पाता। इससे दिल को वह “आराम” नहीं मिल पाता जिसकी उसे दिनभर के बाद ज़रूरत होती है।
टूटी हुई नींद के आम कारण
आजकल तनाव, चिंता, मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल, कैफीन, शराब, और अनियमित नींद का रूटीन इस समस्या के सबसे बड़े कारण हैं। इसके अलावा स्लीप एपनिया जैसी बीमारियाँ भी रात में बार-बार सांस रुकने या झटके से जागने की वजह बन सकती हैं।
अगर आपको सुबह सिर दर्द, दिनभर थकान या ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है — तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी नींद पूरी नहीं हो रही।
अच्छी नींद के लिए अपनाएं ये आसान तरीके
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रोज़ एक तय समय पर सोने और उठने की आदत डालें — वीकेंड पर भी।
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सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल और टीवी स्क्रीन से दूर रहें।
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रात में कैफीन, चाय या शराब का सेवन न करें।
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हल्का संगीत, किताब पढ़ना या गर्म पानी से नहाना दिमाग को शांत करता है।
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अगर आप तेज़ खर्राटे लेते हैं या सांस रुकने जैसा महसूस होता है, तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें — यह स्लीप एपनिया का संकेत हो सकता है।
याद रखिए — “अच्छी नींद, मजबूत दिल” का रिश्ता बहुत गहरा है। टूटी हुई नींद न सिर्फ़ अगले दिन की थकान बढ़ाती है बल्कि धीरे-धीरे आपके दिल की सेहत को भी कमजोर करती है। इसलिए नींद को हल्के में न लें — इसे अपनी सेहत का हिस्सा बनाएं।







