फेफड़ों के छिपे दुश्मन: जो हर दिन आपको नुकसान पहुँचा रहे हैं
हममें से ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि फेफड़ों की बीमारी सिर्फ़ धूम्रपान करने वालों को होती है। लेकिन सच यह है कि अगर आप कभी सिगरेट को छूते भी नहीं हैं, तब भी आपका सांस लेना रोज़-रोज़ मुश्किल होता जा रहा है — और वजह हैं आपके घर, रसोई और आस-पास का वातावरण।
1. हवा में छिपा ज़हर
शहरों में बढ़ते प्रदूषण ने हमारी सांसें भारी कर दी हैं। शोध बताते हैं कि जो लोग सालों तक प्रदूषित इलाकों में रहते हैं, उनके फेफड़ों को उतना ही नुकसान होता है जितना रोज़ एक पैकेट सिगरेट पीने से होता है। PM2.5 जैसी महीन धूलकण फेफड़ों में सूजन और समय से पहले बुढ़ापा लाते हैं।
2. रसोई का धुआँ – अनदेखा खतरा
घर का बना खाना ज़रूर स्वादिष्ट होता है, लेकिन जब तेल तेज़ आंच पर जलता है तो उससे निकलने वाले धुएं में भी हानिकारक कण होते हैं। खासकर फ्राई करने के दौरान। अगर आपकी रसोई में वेंटिलेशन कम है, तो ये कण सीधे फेफड़ों में जाते हैं। इसलिए खाना बनाते वक्त एग्ज़ॉस्ट फैन का इस्तेमाल करें और खिड़कियाँ खुली रखें।
3. अगरबत्ती और मोमबत्ती
कई लोग घर में खुशबू के लिए अगरबत्ती या सुगंधित मोमबत्तियाँ जलाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें भी फॉर्मल्डिहाइड और बेंजीन जैसे रसायन होते हैं जो सांस लेने में समस्या और एलर्जी बढ़ाते हैं? इसलिए बंद कमरे में इन्हें जलाने से बचें।
4. कार और ट्रैफिक की हवा
हर रोज़ घंटों ट्रैफिक में बैठने वाले लोगों के फेफड़े भी खतरे में हैं। टायर और ब्रेक से निकलने वाले महीन धातु-कण फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुँचाते हैं। बेहतर है कि ट्रैफिक में रहते हुए कार की खिड़कियाँ बंद रखें और एयर रीसर्कुलेशन मोड चालू करें।
5. सफाई स्प्रे और कैमिकल्स
घर की सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले स्प्रे या डिटर्जेंट में अमोनिया और ब्लीच होते हैं जो धीरे-धीरे फेफड़ों को नुकसान पहुँचाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि नेचुरल या होममेड क्लीनर्स का उपयोग करें, जैसे सिरका या बेकिंग सोडा।
6. निर्माण स्थलों की धूल
अगर आपके घर के आसपास कंस्ट्रक्शन चल रहा है, तो हवा में सिलिका डस्ट और सीमेंट के कण तैरते रहते हैं। ये एलर्जी, खांसी और सांस फूलने की समस्या का कारण बनते हैं। ऐसे में खिड़कियाँ बंद रखें, एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें और बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
अपनी सांसों की हिफाज़त करें
फेफड़े हमारे शरीर का वो हिस्सा हैं जो हर सेकंड मेहनत करते हैं, लेकिन हम उनकी सबसे कम देखभाल करते हैं। थोड़ा सा ध्यान — जैसे ताज़ी हवा में सैर, पौधों को घर में रखना और सफाई के समय खिड़कियाँ खोलना — आपकी सांसों को हल्का और स्वस्थ बना सकता है।







