आपका शरीर नींद में भी कैलोरी बर्न करता है! जानिए कैसे काम करता है ‘ब्राउन फैट’

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ब्राउन फैट क्या है और क्यों है यह इतना खास?

क्या आपने कभी सोचा है कि आपका शरीर नींद में भी कैलोरीज़ कैसे जलाता है? इसका जवाब छिपा है “ब्राउन फैट” में। आम तौर पर लोग फैट को बुरा मानते हैं, लेकिन ब्राउन फैट (Brown Fat) हमारे शरीर का वह हिस्सा है जो फैट को जलाकर गर्मी पैदा करता है। इसे वैज्ञानिक भाषा में ब्राउन एडिपोज़ टिशू (Brown Adipose Tissue) कहा जाता है।

यह फैट हमारे शरीर में थोड़ी मात्रा में पाया जाता है, लेकिन इसका काम बहुत बड़ा है — ठंड लगने पर शरीर को गर्म रखना और अतिरिक्त कैलोरीज़ को जलाना। इसमें मौजूद माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) सेल्स में मौजूद वह शक्ति-घर हैं जो एनर्जी पैदा करते हैं। ब्राउन फैट में आयरन की मात्रा ज़्यादा होती है, इसलिए इसका रंग हल्का भूरा दिखाई देता है।


सोते समय कैसे जलती हैं कैलोरीज़?

ब्राउन फैट की सबसे खास बात यह है कि यह सोते समय भी एक्टिव रहता है। जब आप ठंडे कमरे में सोते हैं, तो ब्राउन फैट खुद को एक्टिव कर लेता है ताकि शरीर को गर्म रख सके। इसी दौरान यह फैट कैलोरीज़ को जलाकर एनर्जी बनाता है — इसे थर्मोजेनेसिस (Thermogenesis) कहा जाता है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन लोगों के शरीर में ब्राउन फैट की मात्रा ज़्यादा होती है, उनका ब्लड शुगर लेवल बेहतर रहता है और वजन भी आसानी से नियंत्रित होता है।


 ब्राउन फैट कैसे बढ़ाएँ?

अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर भी सोते-सोते कैलोरीज़ जलाए, तो यहाँ हैं कुछ आसान और असरदार तरीके:

  1. ठंडा तापमान अपनाएँ:
    कमरे का तापमान थोड़ा ठंडा रखें या कभी-कभी ठंडे पानी से नहाएँ। इससे शरीर ब्राउन फैट को एक्टिव करता है।

  2. ग्रीन टी और मिर्च का सेवन करें:
    चाय में मौजूद कैटेचिन (Catechin) और लाल मिर्च में पाया जाने वाला कैप्साइसिन (Capsaicin) ब्राउन फैट को एक्टिव करने में मदद करते हैं।

  3. एक्सरसाइज़ करें:
    नियमित व्यायाम से शरीर में आईरिसिन (Irisin) नामक हार्मोन बनता है जो वाइट फैट को ब्राउन फैट में बदलने में मदद करता है।

  4. आयरन युक्त भोजन खाएँ:
    ब्राउन फैट आयरन से भरपूर होता है, इसलिए पालक, दाल, बीन्स, साबुत अनाज और हरी सब्जियाँ ज़रूर खाएँ।


 सोते-सोते फिट रहिए!

ब्राउन फैट आपके शरीर का नेचुरल कैलोरी बर्नर है जो बिना किसी जिम, डाइट या मेहनत के नींद में भी काम करता रहता है। अगर आप इसे सही तरीके से एक्टिव कर लें, तो यह मोटापे और शुगर जैसी बीमारियों से भी बचा सकता है।

अस्वीकरण : इस लेख में दी गई जानकारियाँ केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से दी गई हैं। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह नहीं है। किसी भी फिटनेस प्रोग्राम या आहार में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श ज़रूर करें।

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Priya Parmar

प्रिया परमार, WordWala.com की लेखिका, तीन साल के अनुभव के साथ टेक, हेल्थ, स्पोर्ट्स, सरकारी योजनाएं, करियर और ब्रेकिंग न्यूज़ की जानकारी देती हैं। प्रिया की कोशिश रहती है कि पाठकों को हर खबर सटीक और आसान भाषा में मिले, ताकि वे हर अपडेट से जुड़े रहें।

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