हर मिलेनियल को नज़र रखनी चाहिए ये 5 आंखों की समस्याएं
वर्ल्ड साइट डे 2025 हमें याद दिलाता है कि हमारी आंखें लगातार खतरे में हैं — और अब सिर्फ उम्रदराज़ लोगों की नहीं, बल्कि 20 से 35 साल के युवाओं की भी।
दिनभर स्क्रीन पर आंखें गड़ाए रहना, रातों को मोबाइल स्क्रॉल करना और नींद की कमी — ये सब धीरे-धीरे आंखों की सेहत को खराब कर रहे हैं।
कभी थकान, कभी धुंधलापन, तो कभी आंखों में जलन — ये सब संकेत हैं कि आपकी आंखें मदद मांग रही हैं। आइए जानते हैं वो 5 बड़ी आंखों की समस्याएं, जिनसे आज का हर मिलेनियल जूझ रहा है — और उनसे बचने के आसान तरीके।
1. डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain)
लगातार लैपटॉप, मोबाइल और टीवी देखने से आंखों में दर्द, जलन और धुंधलापन होना आम बात है।
कारण: लगातार स्क्रीन देखने से पलकें कम झपकती हैं, जिससे आंखें सूख जाती हैं।
उपाय: हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज़ को देखें — इसे कहते हैं 20-20-20 Rule।
2. ड्राई आई सिंड्रोम (Dry Eyes)
एसी रूम में काम करना या ज़्यादा समय मोबाइल पर बिताना आंखों को सूखा बना देता है।
लक्षण: आंखों में खुजली, जलन, भारीपन या लालपन महसूस होना।
उपाय:
-
स्क्रीन टाइम कम करें
-
आर्टिफिशियल टी ड्रॉप्स या लुब्रिकेंट ड्रॉप्स का प्रयोग करें
-
पर्याप्त पानी पिएं और पलकें बार-बार झपकाएं
3. रिफ्रैक्टिव एरर या प्रेज़बायोपिया (Refractive Error/Presbyopia)
जैसे-जैसे उम्र 30-40 के बीच पहुँचती है, कई लोगों को नज़दीक की चीज़ें साफ़ नहीं दिखतीं — ये शुरुआती प्रेज़बायोपिया के लक्षण हैं।
उपाय:
नियमित रूप से आंखों की जांच कराते रहें और सही चश्मा लगवाएँ। देर करने से सिरदर्द और दृष्टि पर असर पड़ सकता है।
4. आई हाइजीन की कमी (Poor Eye Hygiene)
कई युवा रोज़ाना मेकअप या कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करते हैं, लेकिन उन्हें समय पर साफ़ नहीं करते।
परिणाम: बैक्टीरिया की वजह से आंखों में संक्रमण, खुजली या सूजन हो सकती है।
उपाय:
-
सोने से पहले हमेशा मेकअप हटाएं
-
लेंस का उपयोग डॉक्टर की सलाह अनुसार ही करें
5. डायबिटिक या ब्लड प्रेशर से जुड़ी रेटिना समस्याएं
अगर किसी को डायबिटीज या हाई बीपी है, तो आंखों की रेटिना प्रभावित हो सकती है।
उपाय: साल में कम से कम एक बार रेटिना स्क्रीनिंग करवाएं। शुरुआती जांच से गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है।
आंखों की सेहत बचाने के लिए कुछ जरूरी टिप्स
-
हर घंटे स्क्रीन से कुछ मिनट का ब्रेक लें
-
नींद पूरी करें, कम से कम 7 घंटे
-
आंखों पर बार-बार ठंडा पानी छिड़कें
-
डाइट में हरी सब्ज़ियां, गाजर, और विटामिन A से भरपूर चीज़ें शामिल करें
Disclaimer:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने नेत्र चिकित्सक या योग्य डॉक्टर से सलाह लें।