Nagpur violence : महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार रात भड़की हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यह हिंसा औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे एक दक्षिणपंथी संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र पुस्तक जलाने की अफवाह के बाद भड़की। हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन ने शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया है।
अब तक 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
झड़पें और बढ़ता तनाव
Nagpur शहर के महल इलाके के चिटनिस पार्क में सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे हिंसा भड़की। पुलिस पर पथराव किया गया, जिसमें छह नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हुए। देखते ही देखते हिंसा कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई, जहां करीब 1,000 लोगों की भीड़ ने पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की।
हिंसा देर रात तक जारी रही, जिसमें हंसपुरी और ओल्ड भंडारा रोड के पास कई घरों, वाहनों और दुकानों को निशाना बनाया गया। कई वाहनों में आग लगा दी गई और एक क्लिनिक को भी क्षति पहुंची।
कर्फ्यू और निषेधाज्ञा लागू
स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए नागपुर (Nagpur) पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत कर्फ्यू लागू कर दिया। इसके अलावा, कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने लोगों से अपील की कि वे घरों से बाहर न निकलें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप की जांच की जा रही है।
यह भी पढ़ें : हरियाणा सरकार की कार्रवाई से म्यूजिक इंडस्ट्री में हंगामा, मासूम शर्मा ने लगाया भेदभाव का आरोप
नेताओं की प्रतिक्रिया
हिंसा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। भाजपा सांसद कमलजीत सेहरावत ने कहा, “जनता को तथ्यों को समझना चाहिए और अफवाहों से गुमराह नहीं होना चाहिए।”
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा कि घटना के पीछे का असली कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
राजनीतिक विवाद और आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना को लेकर महाराष्ट्र में सियासी पारा भी चढ़ गया है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि महाराष्ट्र को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है, जिससे पड़ोसी राज्य को फायदा हो। वहीं, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।
भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने इसे “पूर्व नियोजित” हिंसा करार दिया और प्रशासन की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दंगाइयों ने जानबूझकर सीसीटीवी कैमरों को नुकसान पहुंचाया, जिससे यह साबित होता है कि यह सुनियोजित हमला था।
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सतर्कता जारी
नागपुर पुलिस ने मंगलवार सुबह बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रभावित इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। नागपुर पुलिस ने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।