Holi 2025: इस बार नेचुरल रंगों से खेलें होली, केमिकल से बचें

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इस साल 14 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा। रंगों के इस त्योहार में खुशियां बांटने और एक-दूसरे को रंगने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हालांकि, बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त रंग स्किन और बालों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इन रंगों में मौजूद केमिकल एलर्जी, खुजली और आंखों में जलन जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

अगर आप भी इन हानिकारक रंगों से बचना चाहते हैं, तो इस होली घर पर ही नेचुरल रंग (natural colors) तैयार करें। यह न केवल आपकी स्किन के लिए सुरक्षित होगा, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा। आइए जानते हैं कि घर पर आसानी से नेचुरल रंग कैसे बनाए जा सकते हैं।

घर पर बनाएं ऑर्गेनिक रंग-गुलाल (natural colors)

1. गुलाबी रंग – चुकंदर और गुलाब की पंखुड़ियों से

  • 1-2 चुकंदर को कद्दूकस कर लें और उसका रस निकाल लें।
  • इसमें 1 बड़ा चम्मच गुलाब जल मिलाएं।
  • इसे कॉर्न फ्लोर के साथ मिलाकर सुखा लें और पीसकर गुलाल बना लें।

गुलाबी रंग के लिए गुलाब की ताजा पंखुड़ियों को पानी में उबालकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

2. हरा रंग – पालक, धनिया और पुदीना से

  • ताजी पालक, धनिया और पुदीना को पीस लें।
  • इसका रस निकालकर गुलाब जल के साथ मिलाएं।
  • इसे कॉर्न फ्लोर में मिलाकर सुखा लें और पीस लें।

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3. पीला रंग – हल्दी और बेसन से

  • 2 बड़े चम्मच हल्दी पाउडर को 1 कप गर्म पानी में मिलाकर उबालें।
  • इसे ठंडा होने दें और इसमें गुलाब जल मिलाएं।
  • अब इसमें कॉर्न फ्लोर मिलाकर सुखा लें।
  • इसे छानने के बाद आपका पीला गुलाल तैयार है।

गेंदे के फूलों को सुखाकर भी पीला रंग बनाया जा सकता है।

4. केसरिया रंग – टेसू के फूलों से

  • टेसू (पलाश) के फूलों को पानी में उबालें।
  • जब पानी गहरा नारंगी हो जाए, तो इसे ठंडा करें और छान लें।
  • इस रंग का उपयोग पानी के रंग के रूप में किया जा सकता है।

5. नीला रंग – अपराजिता के फूलों से

  • अपराजिता के फूलों को पानी में उबालें।
  • जब पानी नीला हो जाए, तो इसे ठंडा कर लें और होली खेलने के लिए उपयोग करें।

नेचुरल रंगों (natural colors) के फायदे

  • यह पूरी तरह से स्किन फ्रेंडली होते हैं और किसी तरह की जलन या एलर्जी नहीं करते।
  • बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित हैं।
  • पर्यावरण के लिए नुकसानदायक नहीं होते।
  • आसानी से स्किन और कपड़ों से हट जाते हैं।

सावधानियां

  • रंग बनाने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
  • बहुत अधिक हार्ड सामग्री का उपयोग न करें।
  • नेचुरल रंगों को स्टोर करने के लिए सूखे और ठंडे स्थान पर रखें।

इस बार होली पर केमिकल युक्त रंगों से बचें और खुद के बनाए गए प्राकृतिक रंगों से इस त्योहार को और भी खास बनाएं।

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Priya Parmar

प्रिया परमार, WordWala.com की लेखिका, तीन साल के अनुभव के साथ टेक, हेल्थ, स्पोर्ट्स, सरकारी योजनाएं, करियर और ब्रेकिंग न्यूज़ की जानकारी देती हैं। प्रिया की कोशिश रहती है कि पाठकों को हर खबर सटीक और आसान भाषा में मिले, ताकि वे हर अपडेट से जुड़े रहें।

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