Fake Mawa : होली आते ही बाजार में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन इसके साथ ही मिलावटखोरी भी चरम पर होती है। खासकर खोया (मावा) की शुद्धता पर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई राज्यों में खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापेमारी कर भारी मात्रा में मिलावटी खोया जब्त किया है। मिलावटी खोया खाने से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं
लिवर इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है, किडनी से संबंधित परेशानी हो सकती है, इम्यून सिस्टम भी गड़बड़ा सकता है, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज की भी समस्या हो सकती है साथ ही डायरिया जैसी समस्या हो सकती है तो मिलावटी खोया खाने से बचें।
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नकली खोया (Fake Mawa) कैसे बनता है?
त्योहारी सीजन में अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिलावटखोर नकली खोया बनाने के लिए सस्ता मिल्क पाउडर, स्टार्च, वनस्पति घी और सिंथेटिक दूध का इस्तेमाल करते हैं। कुछ मामलों में यूरिया और टेलकम पाउडर जैसी खतरनाक चीजें भी मिलाई जाती हैं, जिससे यह दिखने में असली लगे।
मिलावटी खोया खाने से क्या नुकसान हो सकता है?
➡ फूड प्वाइजनिंग – पेट दर्द, उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
➡ लिवर और किडनी पर असर – नकली खोया में मौजूद केमिकल्स इन अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
➡ ब्लड प्रेशर और हार्ट हेल्थ – अधिक सोडियम और ट्रांस फैट से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
घर पर ही पहचानें मिलावटी खोया
आयोडीन टेस्ट : खोया में आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डालें, अगर रंग नीला हो जाए तो उसमें स्टार्च की मिलावट है।
पानी टेस्ट : एक गिलास पानी में खोया डालें, अगर यह घुलने लगे तो यह मिलावटी हो सकता है।
उंगली से जांच : असली खोया उंगलियों पर चिकना महसूस होता है, जबकि मिलावटी थोड़ा खुरदुरा लगता है।
होली पर मिठाइयों से बचने के लिए ये करें
✔ घर पर ही शुद्ध खोया से मिठाइयां बनाएं।
✔ भरोसेमंद दुकान से ही मिठाई खरीदें और एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
✔ अगर मिठाई का स्वाद, रंग या गंध अजीब लगे तो उसे न खाएं।
त्योहार की खुशियों में कोई रुकावट न आए, इसलिए सतर्क रहें और सेहतमंद रहें!