Nadaaniyan Review : इब्राहिम अली खान और ख़ुशी कपूर की पहली फिल्म नादानियां 7 मार्च को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो गई, लेकिन दर्शकों की प्रतिक्रिया कुछ खास नहीं रही। इस रोमांटिक ड्रामा को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। करण जौहर के धर्माटिक एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित इस फिल्म को लोगों ने न सिर्फ उबाऊ बताया,
बल्कि इसकी कहानी और अभिनय की भी आलोचना की।
ट्विटर पर आईं तीखी प्रतिक्रियाएं
फिल्म के रिलीज़ होते ही ट्विटर पर दर्शकों ने अपनी राय देनी शुरू कर दी। अधिकतर लोगों ने इसे न सिर्फ बोरिंग, बल्कि पूरी तरह निराशाजनक करार दिया। एक यूज़र ने लिखा—
“अगर आपको पता करना है कि अभिनय कैसे नहीं करना चाहिए, तो नेटफ्लिक्स पर ‘नादानियां’ (Nadaaniyan)देख लीजिए। ख़ुशी कपूर और इब्राहिम अली खान आपको हर गलत चीज़ दिखा देंगे।”
वहीं, एक अन्य दर्शक ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा—
“‘नादानियां’ इतनी खराब है कि इसे बर्दाश्त करना मुश्किल है। न कोई कहानी, न कोई अभिनय, बस एकदम फीका और बेतुका!”
फिल्म के प्रमोशन के दौरान इसे कुछ कुछ होता है की मॉडर्न वर्ज़न बताया गया था, लेकिन दर्शकों ने इस तुलना को पूरी तरह खारिज कर दिया। एक ट्वीट में लिखा गया—
“फिल्म शुरू हुए 10 मिनट ही हुए हैं और मैं अब इसे और झेल नहीं सकता। यह ‘कुछ कुछ होता है’ का सस्ता कॉपी वर्ज़न नहीं, बल्कि उससे भी बदतर कुछ और है!”
क्या फिल्म में कुछ भी अच्छा था?
जहां अधिकतर प्रतिक्रियाएं नकारात्मक थीं, वहीं कुछ दर्शकों को फिल्म में अच्छी बातें भी दिखीं। एक यूज़र ने लिखा—
“‘नादानियां’ उतनी भी बुरी नहीं थी! इब्राहिम अली खान का डेब्यू ठीक था और ख़ुशी कपूर में हर फिल्म के साथ सुधार दिख रहा है।”
वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने लिखा—
“फिल्म की कहानी में दम था, लेकिन इसे बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता था। कुछ सीन मज़ेदार थे, लेकिन कुल मिलाकर फिल्म कमजोर थी।”
यह भी पढ़ें : “दुपहिया” वेब सीरीज़: हल्के-फुल्के हास्य और दिलचस्प किरदारों की मज़ेदार सवारी
(Nadaaniyan) फिल्म की कहानी और कमज़ोरियां
फिल्म की कहानी अर्जुन मेहता (इब्राहिम अली खान) और पिया जयसिंह (ख़ुशी कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है। अर्जुन एक महत्वाकांक्षी लॉ स्टूडेंट है, जबकि पिया एक अमीर लड़की है जो प्यार को करियर से ज़्यादा अहमियत देती है। पिया अर्जुन को ₹25,000 प्रति हफ्ते का भुगतान करती है ताकि वह उसके नकली बॉयफ्रेंड की भूमिका निभाए।
लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, दोनों के बीच सच्चे जज़्बात उभरने लगते हैं।
हालांकि, दर्शकों को यह कहानी बचकानी लगी। फिल्म में सामाजिक और आर्थिक वर्गों के टकराव को दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन दर्शकों को यह हिस्सा बहुत ही सतही लगा।
इसके अलावा, फिल्म में सुनील शेट्टी, दीया मिर्ज़ा और जुगल हंसराज जैसे अनुभवी कलाकार भी हैं, लेकिन उनका स्क्रीन टाइम बेहद सीमित था। दर्शकों का मानना है कि फिल्म में इन किरदारों को और अच्छे से उभारा जा सकता था।
क्या ‘नादानियां’ (Nadaaniyan) सफल हो पाएगी?
फिल्म को जितनी भी आलोचनाएं मिल रही हों, लेकिन नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने के कारण इसे एक बड़ा दर्शक वर्ग मिलने की संभावना है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह फिल्म सिर्फ स्टार किड्स के डेब्यू के तौर पर याद रखी जाएगी, या फिर समय के साथ इसे दर्शकों का प्यार भी मिलेगा।
अगर आप नादानियां देखने की सोच रहे हैं, तो बेहतर होगा कि अपनी उम्मीदें थोड़ी कम रखें!